सौणे की मैनी अर पहाडू की हरयाली कु क्या बखान कन
अकेलु जीजा जन ह्वे जांदू भोले,अर बेलपत्री स्याल्यों जन ।
नयू-2 जीजा कु उलार-दुलार, सेवा- सम्पत होंदी कन ?
बेलपत्री भी भोले कैं देखणा उताब्ली ह्वे जांदी स्याल्यों जन ।।


कखी गाड़ बगणी त कखी गदरा गर्जणा करी बगणा छन
सोमबारो हर्ष ह्वेयूँ लोगों कैं, पौणो चार्यों बाट लगया छन ।
बेलपत्री चुप बैठी देखणी च भोले मंगल स्नान कन्ना जन
लोग जय भोले जैकारा करी की मंगल गीत गाणा छन ।।




बेलपत्री स्याल्यों जन उताब्ली ह्वेकी अगल पर बैठी छन
पता तौं सणी सब भोले दगड़ी हमुन क्या रस्म कन ।
सुगबुगाणी छन एक दूसरा मा कि सुरवात कनकैकी कन
अर कै भग्याना करमुन हमुन भोले कु अंग स्पर्श धन ।।


भोले भी मन ही मन खुश ह्वेकी कुत्ग्यालेणा छन
लोग करौंणा स्नान अर तौंकी आंखी स्याल्यों मा धरी जन।
पण्डाजी ह्वेयाँ अफी अपणी रबडालियों मा तितर-बितर
भोले सोचणा मन ही मन ,सौणे रस्म त बेलपत्री त्वेनै पूरी कन्न ।।


# दिगम्बर डंगवाल